बिना पैसों के राम मंदिर का केस लड़ेंगे हरीश साल्वे
देश की राजनीती में राम मंदिर का मुद्दा लगभग हर चुनाव में उठाया जाता है, लेकिन बाद में यह 5 सालों के लिए केवल मुद्दा ही बन कर रह जाता है। 2019 के लिए जहां कांग्रेस महा-गढ़बंधन बनाकर बीजेपी को चुनौती दें रही है वहीं कुछ हिन्दू राम मंदिर ना बनने के चलते बीजेपी से नाराज़ है।
मंदिरों के पुजारियों ने यहाँ तक कह दिया है की अगर 2019 से पहले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का निर्माण शुरू नहीं करवाते तो 2019 में उनको वोट नहीं मिलेंगे। जिसके बाद से बीजेपी सपोटर्स सोशल मीडिया पर एक दूसरे से लड़ते नज़र आ रहे है।
आपको बता दें की फिलहाल राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिबल और उनके साथी बाबरी मस्जिद के पक्ष में केस लड़ रहे है और बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वकील सुब्रमणियम स्वामी और उनके साथी राम मंदिर के पक्ष में केस लड़ रहे है।
इसी बीच हरीश साल्वे ने भी यह साफ़ कर दिया है की वो अब राम मंदिर के पक्ष में बिना किसी एक पैसे के सुब्रमणियम स्वामी के साथ देते हुए केस लड़ेंगे। आपको बता दें की अहमदाबाद के धंधुआ में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहां था की कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिबल बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे है, इससे हमें कोई ऐतराज़ नहीं लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव तक फैसला टाल दिया जाए ऐसा वो क्यों कह रहे है।
नरेंद्र मोदी ने कहां आखिर अयोध्या में राम मंदिर के फैसले से 2019 लोकसभा चुनाव का क्या संबंद है? पिछले 25 सालों में कई लोकसभा चुनाव हुए है, तब तो किसी को कोई आपत्ति नहीं हुई। आपको शायद पता न हो लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करते है।
जहाँ एक तरफ कांग्रेस राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर तंज़ कस्ती नज़र आती है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नेता और वकील बाबरी मस्जिद के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में लड़ते नज़र आते है। अब देखना यह होगा की क्या 2019 लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर मुद्दे पर फैसला आ पाता है या नहीं।